100 Crore Scam: Kisano Ki Subsidy Gayab?

100 Crore Scam: Kisano Ki Subsidy Gayab?

फिरोजपुर में 100 करोड़ का सब्सिडी घोटाला!

फिरोज़पुर ज़िले में कृषि विभाग से जुड़ा एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसने पूरे पंजाब को हिला दिया है। आरोप है कि किसानों के लिए आने वाली सब्सिडी का पैसा अधिकारियों और डीलरों की मिलीभगत से हड़प लिया गया।

इस घोटाले में ब्लॉक गुरु हरसहाय के कृषि अधिकारी जसविंदर सिंह का नाम सबसे आगे आया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी बिल बनवाकर और पुराने औजारों को नया दिखाकर करोड़ों रुपये की सब्सिडी अपने और खास किसानों के नाम पर पास करवाई।

शिकायतकर्ता साहिब सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि उन्होंने इस पूरे घोटाले की जानकारी सबूतों के साथ डीसी फिरोज़पुर और विजिलेंस विभाग तक पहुंचाई थी, लेकिन लंबे समय तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

आरटीआई से मिली जानकारी में सामने आया कि कृषि उपकरणों की खरीद-फरोख्त के 12 बिल संदिग्ध पाए गए थे। इनमें से केवल 4 की जांच हुई और बाकी अभी तक अधर में लटके हुए हैं, जिससे शक और गहरा हो गया।

इस खुलासे के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव बसंत गर्ग ने 7 अगस्त 2025 को जसविंदर सिंह को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए। यह कदम प्रशासन की ओर से पहली बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।

किसानों ने शपथपत्र देकर कहा है कि उन्होंने कृषि विभाग से कोई भी औजार सब्सिडी पर नहीं लिया। इससे साफ है कि पूरे घोटाले में किसानों के नाम और दस्तावेज़ों का दुरुपयोग किया गया।

आरोप ये भी लगाए गए हैं कि अनुसूचित जाति के किसानों की सब्सिडी का फायदा उठाने के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाए गए और लाभ अपने लोगों को दिलाया गया।

पिछले पांच साल से ब्लॉक में सब्सिडी पर आने वाले कृषि औज़ार मौजूद ही नहीं हैं। इससे स्पष्ट होता है कि यह घोटाला कोई नया नहीं बल्कि लगातार चल रही एक संगठित प्रक्रिया है।

शिकायतकर्ता का आरोप है कि ब्लॉक में चार जूनियर टेक्नीशियन काम कर रहे हैं, जबकि नियम के मुताबिक केवल एक ही पद स्वीकृत है। इससे जाहिर होता है कि पूरा स्टाफ मिलीभगत कर घोटाले को अंजाम दे रहा था।

अब लोगों की निगाहें मुख्यमंत्री भगवंत मान पर टिक गई हैं, जिन्होंने भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरेंस की बात कही थी। जनता इंतज़ार कर रही है कि क्या इस घोटाले में सचमुच दोषियों को सज़ा मिलेगी या मामला फिर दबा दिया जाएगा।