एक पौधा शहीद विक्रम बत्रा के नाम – राजभवन से शुरू हुई पर्यावरण और सम्मान की अनूठी पहल

One Plant in the Name of Shaheed Vikram Batra – A Unique Tribute Begins from Raj Bhavan

विक्रम बत्रा की याद में हर सप्ताह एक पौधा

आज, 7 जुलाई 2025 को, शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के 26वें शहीदी दिवस के अवसर पर पंजाब के महामहिम राज्यपाल और चंडीगढ़ प्रशासक श्री गुलाब चंद कटारिया ने राज भवन, चंडीगढ़ में पौधा लगाकर “एक पौधा, शहीद विक्रम बत्रा के नाम” नामक साप्ताहिक मुहिम का विधिवत शुभारंभ किया। यह सराहनीय पहल वर्ल्ड हिमाचली ऑर्गेनाइजेशन द्वारा शुरू की गई है, जो शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देने का कार्य करेगी।

इस कार्यक्रम में शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता श्री जी.एल. बत्रा विशेष रूप से उपस्थित रहे, जिनकी उपस्थिति ने आयोजन को भावुक और प्रेरणादायक बना दिया। कार्यक्रम में वर्ल्ड हिमाचली ऑर्गेनाइजेशन की चेयरपर्सन आशा जसवाल, अध्यक्ष अमित राणा, वाइस चेयरमैन रविंद्र पठानिया, महासचिव संजय राजपूत सहित संगठन के कई अन्य प्रमुख पदाधिकारी भी मौजूद थे।

इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया ने अपने संबोधन में कहा कि शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा ने कारगिल युद्ध में जो अद्वितीय साहस और वीरता दिखाई, वह हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी शहादत को याद रखना केवल एक सम्मान नहीं, बल्कि हमारा कर्तव्य है। “एक पौधा, शहीद विक्रम बत्रा के नाम” मुहिम इस दिशा में एक उत्कृष्ट कदम है, जो आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करेगी।

राज्यपाल ने कहा कि यह मुहिम सिर्फ श्रद्धांजलि तक सीमित नहीं, बल्कि पर्यावरण के प्रति हमारी सामूहिक जिम्मेदारी का प्रतीक भी है। उन्होंने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे इस पहल से जुड़ें और अधिक से अधिक पौधे लगाकर शहीद को श्रद्धांजलि दें। उन्होंने वर्ल्ड हिमाचली ऑर्गेनाइजेशन और इसके सभी सहयोगी संगठनों को इस सुंदर विचार के लिए बधाई दी।

वर्ल्ड हिमाचली ऑर्गेनाइजेशन की चेयरपर्सन आशा जसवाल ने बताया कि यह मुहिम हर सप्ताह आयोजित की जाएगी, और प्रत्येक पौधा शहीद विक्रम बत्रा के नाम पर लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह केवल एक प्रतीकात्मक कार्य नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक छोटा लेकिन प्रभावशाली प्रयास है। उन्होंने सभी से इसमें भाग लेने की अपील की।

संगठन के अध्यक्ष अमित राणा ने कहा कि शहीद विक्रम बत्रा हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ और पूरे देश के गौरव हैं। उनका ‘ये दिल मांगे मोर’ का नारा आज भी युवाओं में जोश और देशभक्ति भर देता है। यह अभियान न केवल उनकी शहादत को सम्मान देने का प्रयास है, बल्कि पर्यावरण के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने का भी माध्यम है। उन्होंने कहा कि संगठन इसे एक जन आंदोलन का रूप देगा।

इस कार्यक्रम में वर्ल्ड हिमाचली ऑर्गेनाइजेशन के अन्य प्रमुख सदस्य जैसे मिनाक्षी ठाकुर, राकेश शर्मा, सुरेश राणा, राजीव ठाकुर, राजपाल डोगर, मोहिंदर निराला, नीलम ठाकुर, संजीव ग्रोवर, दीपक शर्मा, जनक राणा, विरेंद्र गुलेरिया, के.सी. मलकानिया, अश्विन जौहर, बी.एन. शर्मा और गजिंदर शर्मा भी सक्रिय रूप से उपस्थित रहे। इसके अलावा अंकज डडवाल सहित अनेक स्वयंसेवक भी आयोजन में शामिल हुए।

कार्यक्रम में मानवता फाउंडेशन (पंजीकृत), हिमाचली महासभा सेक्टर 56, हिमाचली एकता मंच, जन कल्याण सेवा सोसाइटी एवं हिमाचल वेलफेयर सोसाइटी जैसे विभिन्न सामाजिक और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। इन संस्थाओं की भागीदारी ने कार्यक्रम को एक व्यापक सामाजिक आंदोलन का प्रारूप प्रदान किया।

शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता श्री जी.एल. बत्रा ने आयोजन को भावुक करते हुए कहा कि यह मुहिम मेरे बेटे के बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि है। मैं वर्ल्ड हिमाचली ऑर्गेनाइजेशन और महामहिम राज्यपाल का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। यह पहल न केवल विक्रम की याद को जीवित रखेगी, बल्कि देश के लिए कुछ करने की भावना को भी मजबूत करेगी।

कार्यक्रम के अंत में शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनकी वीरगाथा को याद किया गया। सभी उपस्थित लोगों ने यह संकल्प लिया कि वे न केवल एक पौधा लगाएंगे, बल्कि उसे संरक्षण भी देंगे, ताकि वह पेड़ बनकर शहीद की स्मृति का जीवंत प्रतीक बन सके। हर सप्ताह यह मुहिम एक नई जगह पर आयोजित की जाएगी।

इस पूरे आयोजन ने न केवल लोगों को भावुक किया, बल्कि उनमें देश और पर्यावरण के प्रति एक नई जागरूकता भी पैदा की। यह पहल एक मिसाल बन रही है, जहाँ शहादत और पर्यावरण संरक्षण जैसे दो महान उद्देश्य एक साथ मिलकर समाज को नई दिशा दे रहे हैं। वर्ल्ड हिमाचली ऑर्गेनाइजेशन और सहयोगी संस्थाओं ने इस मुहिम को राज्य और देश भर में फैलाने का संकल्प लिया।