नाइपर मोहाली ने शिक्षा महाकुंभ अभियान 2025 का पांचवां संस्करण 31 अक्टूबर से 2 नवंबर तक आयोजित किया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य शिक्षा को केवल कक्षा तक सीमित न रखकर उसे समाज और जीवन की वास्तविक जरूरतों से जोड़ना है। इस बार का थीम “क्लासरूम टू सोसाइटी: बिल्डिंग अ हेल्थियर वर्ल्ड थ्रू एजुकेशन” रहा, जो शिक्षा के महत्व और उसके समाज पर प्रभाव को दर्शाता है।
इस महाकुंभ में पूरे भारत के विभिन्न शिक्षण संस्थानों, उद्योग जगत और नीति निर्माण से जुड़े विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस अवसर पर शोध पत्र प्रस्तुत किए गए और विभिन्न शैक्षिक परियोजनाओं की प्रदर्शनी लगाई गई। शिक्षकों, शोधकर्ताओं और छात्रों के बीच संवाद का यह मंच नए विचारों और नवाचारों के लिए प्रेरक साबित हुआ।
नाइपर मोहाली के डायरेक्टर प्रो. दुलाल पांडा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि शिक्षा महाकुंभ अभियान समाज और शिक्षा के बीच सेतु का काम करता है। उनका कहना था कि शिक्षा का असली उद्देश्य सिर्फ ज्ञान देना नहीं बल्कि एक स्वस्थ और सशक्त समाज का निर्माण करना होना चाहिए।
चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी, भिवानी की वाइस चांसलर प्रो. दीप्ति धर्माणी ने कहा कि यह अभियान एक राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में उभरा है। यह शिक्षा को नवाचार, मूल्यों और सांस्कृतिक परंपराओं के साथ जोड़ता है और भारत@2047 के विज़न को साकार करने में योगदान देता है।
कार्यक्रम में विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री विजय नड्डा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से शिक्षा की दिशा तय होती है और भविष्य में नीति निर्माण में इसका बड़ा योगदान रहेगा। उनके मार्गदर्शन ने अभियान की सफलता को और अधिक सशक्त बनाया।
होलिस्टिक एजुकेशन विभाग के डायरेक्टर डॉ. ठाकुर एसकेआर ने बताया कि इस संस्करण में कई राष्ट्रीय स्तर के कॉन्क्लेव और कार्यशालाएं आयोजित की गईं। इसमें वाइस चांसलर्स, डायरेक्टर्स, शोधकर्ता और नवप्रवर्तक शामिल हुए। छात्रों के लिए नेशनल टिंकरिंग चैलेंज, इंग्लिश ओलंपियाड, स्टार्टअप शोकेस और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।
होलिस्टिक एजुकेशन विभाग के प्रेसिडेंट सौरभ चौधरी ने पिछले वर्षों की पहल का जिक्र करते हुए बताया कि ट्रेडुल, सर्वत्र, स्वदेशी बाजार, जॉब्स 360°, टूडू और होलिस्टिक हार्बर जैसी परियोजनाओं ने शिक्षा को समाज की वास्तविक जरूरतों से जोड़ने का काम किया। इन पहलों ने छात्रों और शिक्षकों को नए दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया।
इस महाकुंभ में शिक्षा प्रौद्योगिकी, विज्ञान, इंजीनियरिंग और सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में शोध और नवाचार पर विशेष ध्यान दिया गया। शोध पत्रों और परियोजनाओं के माध्यम से शिक्षा के नए तरीके और उनके समाज पर असर को प्रदर्शित किया गया।
शिक्षा महाकुंभ अभियान 2025 ने सभी हितधारकों—छात्र, शिक्षक, संस्थान, उद्योग और नीति-निर्माता—को सक्रिय भागीदारी के लिए आमंत्रित किया। इस कार्यक्रम ने शिक्षा और समाज को जोड़ने का एक सशक्त मंच प्रस्तुत किया और भविष्य के लिए नई दिशा निर्धारित की।
मीडिया इंचार्ज एडवोकेट आरती शर्मा ने सभी से आग्रह किया कि वे आने वाले संस्करणों में भी उत्साह और जोश के साथ हिस्सा लें। उनका कहना था कि ऐसे आयोजन न केवल शिक्षा को सशक्त बनाते हैं बल्कि समाज और राष्ट्र के निर्माण में भी योगदान देते हैं।
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