भारत का गौरवशाली इतिहास उन वीर सपूतों से भरा पड़ा है जिन्होंने स्वतंत्रता और राष्ट्र की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। चाहे 1857 की क्रांति रही हो या आज़ादी की लड़ाई के महानायक, या फिर सीमाओं पर देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए जवान—हर एक का बलिदान हमारी पहचान और हमारी ताक़त है। ऐसे शहीदों को नमन करना सिर्फ़ कर्तव्य नहीं बल्कि हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।
Tribute To Martyrs – India to World राष्ट्रीय शहीद जागरूकता राइड इसी भावना का प्रतीक है। यह आयोजन न सिर्फ़ शहीदों की स्मृति को संजोने का प्रयास है बल्कि नई पीढ़ी में राष्ट्रप्रेम की मशाल प्रज्वलित करने का संकल्प भी है। इस राइड के माध्यम से शहीदों की कहानियाँ देश-दुनिया तक पहुँचाई जाएँगी।
27 सितम्बर 2025 को दिल्ली से आरंभ होकर मोहाली और फिर अमृतसर तक जाने वाली यह यात्रा एक ऐतिहासिक मार्ग तय करेगी। यह मार्ग न केवल भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह पंजाब की उस धरती से भी जुड़ता है जिसने भारत को अनेक क्रांतिकारी और अमर शहीद दिए।
इस राइड में प्रतिभागियों को नायकत्व और त्याग की कहानियाँ सुनने का अवसर मिलेगा। शहीदों के संघर्ष, उनकी कठिनाइयाँ और उनके अदम्य साहस की झलकियाँ साझा की जाएँगी, ताकि हर भारतीय उनके बलिदान की गहराई को समझ सके।
कार्यक्रम के दौरान मीडिया और प्रेस को विशेष महत्व दिया गया है। पत्रकारों और संवाददाताओं के लिए यह अवसर अनमोल है, क्योंकि उन्हें न सिर्फ़ राइड को कवर करने का मौका मिलेगा बल्कि वे देश की नई पीढ़ी तक इन शौर्य गाथाओं को पहुँचा पाएँगे।
यह आयोजन केवल एक मोटरसाइकिल राइड या यात्रा नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है कि राष्ट्र शहीदों को कभी नहीं भूलता। यह बताता है कि शहीदों का बलिदान हमें एकजुट करता है और हमें अपनी ज़िम्मेदारी का एहसास कराता है।
युवा वर्ग के लिए यह राइड विशेष प्रेरणा का स्रोत बनेगी। उन्हें यह समझाया जाएगा कि आज़ादी केवल किताबों का हिस्सा नहीं, बल्कि एक जीवंत विरासत है, जिसे बचाए रखना हर नागरिक का कर्तव्य है।
साथ ही यह आयोजन भारत की उस अनूठी परंपरा का भी प्रतीक है जिसमें बलिदान को सर्वोच्च स्थान दिया जाता है। यही कारण है कि भारत की धरती को “शहीदों की जननी” कहा जाता है।
आयोजन समिति का विश्वास है कि यह राइड भारत से विश्व तक एक नया संदेश देगी। यह बताएगी कि भारत अपने शहीदों का सम्मान करता है और दुनिया को शांति, भाईचारे और बलिदान का पाठ पढ़ाता है।
हम सभी नागरिकों से विनम्र निवेदन करते हैं कि इस यात्रा का हिस्सा बनें, इसे समर्थन दें और अपने स्तर पर शहीदों की गाथाओं को आगे बढ़ाएँ। यही सच्चा नमन होगा उन वीरों के लिए जिन्होंने हमारे कल के लिए अपना आज कुर्बान कर दिया।
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