Massive Real Estate Scam: Sushma Buildtech Exposed"

Massive Real Estate Scam: Sushma Buildtech Exposed"

सुषमा बिल्डटेक घोटाला: निवेशकों का फूटा ग़ुस्सा!

सुषमा बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड पर इन दिनों गंभीर आरोप लगे हैं। निवेशकों का कहना है कि कंपनी ने उनके करोड़ों रुपये हड़प लिए हैं और अब उन्हें न तो रिफंड मिल रहा है और न ही कोई प्रोजेक्ट पूरा हो रहा है। यह मामला अब धीरे-धीरे एक बड़े रियल एस्टेट घोटाले का रूप ले चुका है, जिससे मोहाली और आसपास के सैकड़ों परिवार प्रभावित हुए हैं।

निवेशकों का आरोप है कि उन्होंने सुषमा ग्रुप के विभिन्न प्रोजेक्ट्स जैसे सुषमा प्रिस्टीन, सुषमा एम्पीरिया, एयरोसिटी और जॉयनेस्ट में निवेश किया था। शुरुआत में सबकुछ पारदर्शी दिख रहा था, कंपनी मीटिंग्स और इवेंट्स में बड़ी-बड़ी बातें करती थी, और कुछ शुरुआती निवेशकों को रिटर्न भी मिला। लेकिन धीरे-धीरे पेमेंट बंद होने लगे, साइट पर काम रुक गया और निवेशकों को सिर्फ झूठे वादे मिलते रहे।

जब निवेशकों ने कंपनी से अपने पैसे वापस मांगे, तो उन्हें चेक दिए गए। पर बैंक में जमा करने पर वे चेक बाउंस हो गए। कई महीनों तक निवेशकों ने कंपनी के दफ्तरों के चक्कर लगाए, मेल और कॉल्स कीं, लेकिन किसी ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। यह सब देखकर निवेशकों का धैर्य टूट गया और उन्होंने अब कानूनी रास्ता अपनाने का फैसला लिया।

निवेशकों ने प्रधानमंत्री कार्यालय, रेरा, ईडी, ईओडब्ल्यू और राज्य सरकार को लिखित शिकायत दी है। उनका कहना है कि सुषमा बिल्डटेक के डायरेक्टर्स — बिंदर पाल मित्तल, भरत मित्तल और प्रतीक मित्तल — इस पूरे फंड को विदेश भेजने की साजिश में शामिल हैं और देश छोड़कर भागने की फिराक में हैं। निवेशकों ने मांग की है कि उनके खिलाफ तुरंत लुकआउट नोटिस जारी किया जाए।

चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में निवेशकों ने खुलकर अपने दर्द बयां किए। कई लोगों ने बताया कि उन्होंने अपनी जिंदगी भर की कमाई इन प्रोजेक्ट्स में लगा दी थी। किसी ने रिटायरमेंट के पैसे लगाए, तो किसी ने बच्चों की पढ़ाई या शादी के लिए बचाई रकम। अब वे सब आर्थिक और मानसिक दोनों रूप से टूट चुके हैं।

कुछ निवेशकों ने बताया कि कंपनी के मार्केटिंग और सेल्स टीम ने उन्हें बड़े सपने दिखाकर निवेश करवाया था। कहा गया था कि ये प्रोजेक्ट्स समय पर पूरे होंगे, और निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिलेगा। पर असलियत में ये सारे दावे झूठे निकले। जमीन पर प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं, और निवेशकों के पैसे का कोई हिसाब नहीं दिया जा रहा।

इस घोटाले ने न केवल लोगों की मेहनत की कमाई डुबोई है, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर पर आम जनता का भरोसा भी हिला दिया है। लोगों को अब डर है कि कहीं दूसरे बिल्डर्स भी इसी तरह निवेशकों को धोखा न दें। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में असुरक्षा और अविश्वास का माहौल पैदा कर दिया है।

निवेशकों ने सरकार से मांग की है कि कंपनी के सभी बैंक अकाउंट्स और संपत्तियों को तुरंत फ्रीज़ किया जाए ताकि पैसे विदेश ट्रांसफर न किए जा सकें। साथ ही डायरेक्टर्स के पासपोर्ट जब्त करने की भी मांग की गई है, ताकि वे देश छोड़कर भाग न पाएं।

रेरा और ईडी को भेजी गई शिकायतों में निवेशकों ने सबूत भी जमा किए हैं — जैसे एग्रीमेंट कॉपी, चेक की फोटोकॉपी, साइट की तस्वीरें और पेमेंट रिकॉर्ड्स। उन्होंने कहा है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सामूहिक रूप से अदालत का दरवाज़ा खटखटाएंगे।

सुषमा बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड का यह मामला अब लोगों के बीच चर्चा का मुख्य विषय बन गया है। सोशल मीडिया पर भी निवेशक अपने अनुभव साझा कर रहे हैं और दूसरों को आगाह कर रहे हैं कि बिना पूरी जांच-पड़ताल के किसी भी रियल एस्टेट कंपनी में निवेश न करें। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार और जांच एजेंसियां इस बड़े घोटाले पर क्या कदम उठाती हैं।