Biggest Agri Fraud Busted! Officials Looted Crores

Biggest Agri Fraud Busted! Officials Looted Crores

पंजाब कृषि घोटाला, फर्जी बिलों से करोड़ों की लूट!

पंजाब कृषि विभाग में एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये की लूट फर्जी बिलों के जरिए की गई है। मशीनरी की खरीद, कीटनाशकों और सब्सिडी के नाम पर लंबे समय से यह खेल चल रहा था।

अधिकारियों पर आरोप है कि वे वर्षों से सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग कर रहे थे। किसानों को राहत पहुंचाने के नाम पर जो पैसा जारी होता था, वह उनके जेबों में पहुंच रहा था। जांच में सामने आया है कि जिन बिलों पर करोड़ों रुपये खर्च दिखाए गए, वे पूरी तरह नकली और मनगढ़ंत थे।

यह पूरा मामला तब सामने आया जब मीडिया को पुख्ता सबूत मिले। अब पत्रकारों के सामने इस घोटाले का सच उजागर किया जा रहा है ताकि जनता जान सके कि आखिर किसानों के नाम पर किस तरह से भ्रष्टाचार हो रहा था।

इस घोटाले ने पंजाब में भ्रष्टाचार की जड़ों को एक बार फिर बेनकाब कर दिया है। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इतने सालों तक विभाग और सरकार की नज़र इस गोरखधंधे पर क्यों नहीं पड़ी।

जनता में भारी आक्रोश है। किसान संगठनों का कहना है कि जिस पैसे से खेतों और किसानों की मदद होनी चाहिए थी, वह अधिकारियों की जेब भरने में चला गया। यह किसानों के साथ किया गया सबसे बड़ा धोखा है।

सूत्रों के मुताबिक, कई बड़े अधिकारियों और प्रभावशाली लोगों के नाम इस घोटाले से जुड़े हैं। अगर निष्पक्ष जांच हुई तो पंजाब की राजनीति और नौकरशाही दोनों में भूचाल आ सकता है।

लोगों की मांग है कि दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। सिर्फ निलंबन या तबादले से काम नहीं चलेगा, बल्कि जेल भेजना और संपत्ति जब्त करना जरूरी है।

अगर सरकार ने इस बार सख्ती नहीं दिखाई तो जनता का भरोसा पूरी तरह टूट जाएगा। लोग यह मान बैठेंगे कि पंजाब को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के सारे दावे सिर्फ दिखावा हैं।

इस घोटाले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि योजनाओं और सब्सिडी का पैसा गरीबों और किसानों तक नहीं पहुंचता, बल्कि बीच में ही गायब हो जाता है। यह व्यवस्था की सबसे बड़ी नाकामी है।

अब सबकी नज़रें सरकार और प्रशासन पर टिकी हुई हैं। देखना यह है कि दोषियों को सज़ा मिलती है या एक बार फिर बड़े-बड़े नाम बच निकलते हैं। पंजाब की जनता जवाब चाहती है और इस बार आधे-अधूरे कदम स्वीकार नहीं करेगी।