चेतना क्लब, सेक्टर 46, चंडीगढ़ ने तीज का उत्सव पूरी भव्यता और उमंग के साथ मनाया। यह आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक पर्व का प्रतीक था, बल्कि महिलाओं की सहभागिता, उनकी ऊर्जा और पारंपरिक मूल्यों के प्रति उनके समर्पण को भी उजागर करता है। उत्सव में भाग लेने वाली महिलाओं ने परंपरागत वेशभूषा पहनकर पूरे माहौल को जीवंत बना दिया।
होटल केसी रेजीडेंसी, सेक्टर 35 में आयोजित इस समारोह की थीम पूरी तरह मानसून के उल्लास और शिव-पार्वती के पवित्र मिलन को समर्पित थी। तीज का पर्व जहां प्रकृति की हरियाली और बारिश की फुहारों को समर्पित होता है, वहीं यह स्त्रियों के प्रेम, त्याग और समर्पण की भावना को भी उजागर करता है। चेतना क्लब ने इस परंपरा को जीवंत करते हुए एक खूबसूरत मंच प्रदान किया।
उत्सव की शुरुआत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों से हुई, जिसमें गिद्धा, भांगड़ा, पारंपरिक गीत-संगीत और डीजे की धुनों पर थिरकती महिलाओं ने सभी का मन मोह लिया। मंच पर प्रस्तुत हर एक प्रस्तुति ने पंजाब की मिट्टी की खुशबू बिखेर दी और एकता की भावना को मजबूत किया।
खेलों और मनोरंजन के आयोजन ने उत्सव में चार चांद लगा दिए। तंबोला और लकी ड्रॉ जैसे कार्यक्रमों में महिलाओं की उत्सुकता देखते ही बनती थी। हर कोई अपनी जीत की उम्मीद लिए हँसी-खुशी से भाग ले रहा था, जिससे आयोजन में हास्य और उमंग का एक अलग ही रंग भर गया।
कार्यक्रम में लगभग 40 महिलाओं ने भाग लिया, जिनमें अधिकतर गृहिणियाँ थीं। इन महिलाओं ने उत्सव को पूरी आत्मीयता के साथ अपनाया और पारंपरिक पहनावे के माध्यम से अपनी संस्कृति और विरासत का शानदार प्रदर्शन किया। हर चेहरा मुस्कान से भरा हुआ था और हर आंख में उत्सव की चमक थी।
इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि चेतना क्लब केवल एक संस्था नहीं, बल्कि एक ऐसी प्रेरणा है जो नारी शक्ति को सशक्त करने, उनकी सांस्कृतिक भागीदारी को बढ़ावा देने और सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर कार्यरत है। यह आयोजन नारी चेतना का प्रतीक बनकर उभरा।
तीज केवल झूलों और गीतों का त्यौहार नहीं है, यह महिला सशक्तिकरण और सामाजिक एकजुटता का एक माध्यम भी है। चेतना क्लब ने इसे भलीभांति समझते हुए उत्सव में नारीत्व, सौंदर्य और सामूहिक सहभागिता का सुंदर समन्वय प्रस्तुत किया।
महिलाओं ने पारंपरिक गीतों के साथ-साथ आधुनिक संगीत पर भी जमकर नृत्य किया। यह मेलजोल नई और पुरानी पीढ़ियों के बीच एक खूबसूरत पुल बन गया, जिसने संस्कृति के संरक्षण के साथ-साथ सामाजिक जुड़ाव को भी मजबूत किया।
आयोजन की खूबसूरती इस बात में थी कि यह केवल मनोरंजन का साधन नहीं था, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी लेकर आया कि हमारी परंपराएं आज भी जीवंत हैं और उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी हम सभी की है। चेतना क्लब इसी दिशा में एक सार्थक प्रयास करता आ रहा है।
चेतना क्लब का यह आयोजन महिलाओं के लिए एक ऐसा मंच बनकर आया जहां उन्होंने खुलकर अपनी रचनात्मकता, आत्मविश्वास और सांस्कृतिक भावनाओं को व्यक्त किया। यह एक ऐसा क्षण था जब हर महिला ने स्वयं को विशेष महसूस किया और समाज में अपनी भूमिका को एक नए नजरिए से देखा।
More Stories
रक्षाबंधन पर सफाई मित्रों संग अनोखा उत्सव
CRPF जवानों संग राखी का जश्न, बंधा अपनत्व का धागा
विक्रम बत्रा की याद में हर सप्ताह एक पौधा