पंचकूला निवासी और 166 इन्फैंट्री बटालियन (टीए) (एच एंड एच) असम में सेवाएं दे रहे लेफ्टिनेंट कर्नल वरुण परमार ने अंतरराष्ट्रीय गोल्फ मंच पर अपने शानदार प्रदर्शन से देश और अपने गृहनगर का नाम रोशन किया।
केन्या में आयोजित 16वें सीआईएसएम वर्ल्ड मिलिट्री गोल्फ चैंपियनशिप 2025 में उन्होंने सीनियर श्रेणी में पहला स्थान और ओपन श्रेणी में तीसरा स्थान हासिल कर इतिहास रच दिया।
इस जीत ने न केवल उनके अद्भुत कौशल और सटीकता को उजागर किया बल्कि सैन्य उत्कृष्टता और अनुशासन की अनूठी मिसाल भी प्रस्तुत की।
भारत के लिए यह उपलब्धि बेहद गर्व की बात है क्योंकि इसने देश को वैश्विक गोल्फ मानचित्र पर मजबूती से स्थापित किया।
अपनी इस सफलता को आगे बढ़ाते हुए लेफ्टिनेंट कर्नल परमार ने इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित एशिया-पैसिफिक गोल्फ कॉन्फेडरेशन (एपीजीसी) मिड-अमैच्योर चैंपियनशिप में भी शानदार प्रदर्शन किया।
गाडिंग राया गोल्फ क्लब में दूसरे राउंड में बेहतरीन 68 का स्कोर बनाकर उन्होंने फाइनल राउंड में शीर्ष तीन खिलाड़ियों में जगह बनाई और एशिया के सर्वश्रेष्ठ मिड-अमैच्योर खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर दी।
अंततः वे अपनी श्रेणी में दूसरे और कुल मिलाकर पाँचवें स्थान पर रहे, जिसने भारतीय खेल जगत में एक नई पहचान स्थापित की।
उन्होंने कहा, “यह मेरा इंडोनेशिया में पहला अनुभव है। मौसम और गोल्फ कोर्स चुनौतीपूर्ण हैं, लेकिन मैं इसका आनंद ले रहा हूँ और अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहा हूँ।”
गौरतलब है कि उनका होम कोर्स चंडीगढ़ का सेप्टा (शिवालिक एनवायरनमेंटल पार्क एंड ट्रेनिंग एरिया) गोल्फ कोर्स है, जहाँ उन्होंने अपनी प्रतिभा को निखारा।
उनकी उपलब्धियों को और भी खास बनाता है यह तथ्य कि असम में पदस्थ होने के कारण उनके पास अंतरराष्ट्रीय स्तर की तैयारी और अभ्यास के लिए पर्याप्त संसाधन और सुविधाएँ नहीं थीं, इसके बावजूद उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर देश को गौरवान्वित किया।
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