चंडीगढ़ के टैगोर थिएटर के मिनी ऑडिटोरियम में आयोजित बहुभाषी नाटक ‘फाइंडिंग विन्सेंट’ ने दर्शकों को विश्व प्रसिद्ध चित्रकार विन्सेंट वैन गॉग के जीवन की मार्मिक झलक दी।
यह प्रस्तुति न केवल उनकी कला और संघर्षों की कहानी कहती है, बल्कि दर्शकों को मानसिक स्वास्थ्य, अकेलेपन और आत्म-अभिव्यक्ति जैसे गहरे विषयों से भी जोड़ती है।
नाटक का निर्देशन निशा लूथरा ने किया, जो द नरेटर्स परफॉर्मिंग आर्ट्स सोसाइटी इंडिया की संस्थापक और निदेशक हैं। उन्होंने इस नाटक को एक भावनात्मक और कलात्मक सफर में बदल दिया।
यह प्रस्तुति सत्यब्रत राउत द्वारा लिखे गए मूल पाठ पर आधारित थी, जो अपने आप में ही गहनता और संवेदना से भरा हुआ है।
नाटक हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में प्रस्तुत किया गया, जिससे यह विभिन्न दर्शक वर्गों के लिए और भी प्रभावी और बोधगम्य बना।
करीब 18 से 20 कलाकारों और तकनीकी सदस्यों की मेहनत ने इस मंचन को जीवंत रूप दिया, जिनमें अभिनेता, साउंड और लाइट डिज़ाइनर, प्रॉप्स, कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर शामिल रहे।
दर्शकों में शहर के वरिष्ठ रंगकर्मी, युवा थिएटर कलाकार, चित्रकार और साहित्य प्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित थे, जिन्होंने इस प्रस्तुति की सराहना की।
नाटक में वैन गॉग के संघर्ष, मानसिक द्वंद्व, और कला के प्रति उनका समर्पण दृश्य माध्यमों के ज़रिए प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पद्मश्री नीलम मान सिंह चौधरी, लेखक सत्यब्रत राउत, सीएसएनए निदेशक सुदेश शर्मा और अन्य सांस्कृतिक हस्तियां मौजूद थीं।
इससे पहले ‘फाइंडिंग विन्सेंट’ का प्रीव्यू एलायंस फ्रांसेज़ चंडीगढ़ में आयोजित किया गया था, जो थिएटर समूह के आउटरीच प्रयासों का हिस्सा था।
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