Fortis Hospital Mohali

फोर्टिस मोहाली ने शुरू की बाय-प्लेन कैथ लैब

फोर्टिस मोहाली ने शुरू की बाय-प्लेन कैथ लैब

फोर्टिस अस्पताल मोहाली ने उत्तर भारत की स्वास्थ्य सेवाओं को एक नई ऊंचाई पर ले जाते हुए क्षेत्र की पहली अत्याधुनिक बाय-प्लेन न्यूरो कैथ लैब का उद्घाटन किया है। यह तकनीक उन मरीजों के लिए वरदान साबित होगी, जिन्हें स्ट्रोक या अन्य जटिल न्यूरोवैस्कुलर समस्याएं हैं। यह पहल न केवल अस्पताल की क्षमता बढ़ाती है, बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक नई चिकित्सा उम्मीद भी जगाती है।

यह बाय-प्लेन कैथ लैब अत्याधुनिक इमेजिंग तकनीक से सुसज्जित है, जो दो एक्स-रे एंगल्स से हाई-रेज़ोल्यूशन 3D इमेजिंग प्रदान करती है। यह तकनीक मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की बारीक से बारीक जानकारी उपलब्ध कराती है, जिससे निदान और इलाज दोनों में बेहद मदद मिलती है। इससे न्यूरो-इंटरवेंशनल प्रक्रियाओं में समय की बचत और परिणामों की सटीकता दोनों सुनिश्चित होती है।

इस सुविधा की स्थापना फोर्टिस अस्पताल मोहाली में डॉ. प्रो. विवेक गुप्ता के नेतृत्व में की गई है, जो इस लैब के निदेशक भी हैं। उनका अनुभव और विशेषज्ञता इस परियोजना को दिशा देने में निर्णायक रही है। उन्होंने बताया कि यह तकनीक न्यूनतम हस्तक्षेप वाली विधियों से इलाज को आसान और तेज़ बनाती है।

पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने इस लैब का उद्घाटन किया और फोर्टिस अस्पताल की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि बाय-प्लेन कैथ लैब न सिर्फ बेहतर इलाज सुनिश्चित करेगी, बल्कि अस्पताल में मरीज की ठहरने की अवधि भी घटाएगी, जिससे खर्च कम होगा और सुविधा बढ़ेगी। उन्होंने अस्पताल की तकनीकी प्रगति और प्रशिक्षित स्टाफ की भी प्रशंसा की।

इस आयोजन में फोर्टिस हेल्थकेयर के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट आशीष भाटिया, एसबीयू हेड अभिजीत सिंह, डॉ. विवेक गुप्ता समेत कई वरिष्ठ डॉक्टर उपस्थित रहे। यह आयोजन फोर्टिस के भविष्य की योजनाओं की झलक भी देता है, जिसमें उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार शामिल है।

डॉ. विवेक गुप्ता ने जानकारी दी कि परंपरागत कैथ लैब्स में केवल एक इमेजिंग प्लेन होता है, जबकि बाय-प्लेन कैथ लैब में दो होते हैं जो अलग-अलग एंगल से इमेजिंग करते हैं। इससे स्ट्रोक या एन्यूरिज़्म जैसे मामलों में समय पर और सटीक निर्णय लिए जा सकते हैं। इस लैब में लगे एडवांस्ड सॉफ्टवेयर मरीज को तुरंत इलाज के लिए तैयार करने में सक्षम हैं।

नई कैथ लैब न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि इसमें सुरक्षा और आराम का भी विशेष ध्यान रखा गया है। मरीजों के लिए कम दर्द, कम समय और तेज़ रिकवरी जैसे लाभ इसे और प्रभावशाली बनाते हैं। यह न्यूरो विज्ञान के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है।

फोर्टिस अस्पताल मोहाली ने अपने उच्च तकनीक और क्वालिटी के लिए जो पहचान बनाई है, यह नई सुविधा उस पहचान को और मजबूत करती है। यह अस्पताल दिल्ली-एनसीआर के बाहर पहला ऐसा निजी संस्थान बन गया है, जिसने इस स्तर की न्यूरो कैथ लैब स्थापित की है।

इस सुविधा से अब मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली या बड़े महानगरों की ओर भागने की ज़रूरत नहीं रहेगी। पंजाब और आसपास के राज्यों के मरीजों को अब बेहतर इलाज उनके अपने राज्य में ही उपलब्ध होगा। इससे समय, पैसा और संसाधनों की बचत होगी।

संक्षेप में, फोर्टिस मोहाली की बाय-प्लेन न्यूरो कैथ लैब न केवल तकनीकी दृष्टि से एक क्रांति है, बल्कि यह स्वास्थ्य सेवा में नए युग की शुरुआत है। यह कदम न सिर्फ फोर्टिस के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।