फोर्टिस मोहाली ने बचाई 80 वर्षीय किडनी रोगी की जान

Fortis Mohali saves the life of an 80-year-old kidney patient

फोर्टिस मोहाली ने बचाई 80 वर्षीय किडनी रोगी की जान

फोर्टिस अस्पताल, मोहाली ने एक 80 वर्षीय बुज़ुर्ग मरीज की जान बचाने में सफलता हासिल की, जो पिछले पाँच वर्षों से क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ (सीकेडी) से पीड़ित था। मरीज को हाल ही में सीने में तेज दर्द और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच में गंभीर कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ का पता चला।

मरीज की स्थिति को देखते हुए पारंपरिक एंजियोप्लास्टी करना जोखिमपूर्ण होता, क्योंकि उसमें कॉन्ट्रास्ट डाई का प्रयोग होता है, जो किडनी की पहले से बिगड़ी हुई कार्यक्षमता को और नुकसान पहुँचा सकता है। ऐसे में डॉक्टरों ने एक उन्नत और सुरक्षित तकनीक का विकल्प चुना।

फोर्टिस अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट – कार्डियोलॉजी डॉ. सुधांशु बुडाकोटी के नेतृत्व में यह जटिल कोरोनरी एंजियोप्लास्टी सफलतापूर्वक की गई। उन्होंने इन्ट्रावैस्कुलर अल्ट्रासाउंड (आईवीयूएस) गाइडेंस के साथ अल्ट्रा-लो कॉन्ट्रास्ट एंजियोप्लास्टी तकनीक का इस्तेमाल किया, जिससे मरीज की जान बचाई जा सकी।

आईवीयूएस तकनीक के माध्यम से डॉक्टर रक्त वाहिकाओं की आंतरिक संरचना का मूल्यांकन ध्वनि तरंगों की मदद से करते हैं। यह तकनीक पारंपरिक डाई पर निर्भर नहीं होती, जिससे किडनी पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता। मरीज को इस प्रक्रिया के केवल दो दिन बाद ही स्थिर हालत में छुट्टी दे दी गई।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. बुडाकोटी ने कहा कि ऐसे मरीजों के लिए अल्ट्रा-लो कॉन्ट्रास्ट तकनीक वरदान साबित हो रही है। इस मामले में हमने बहुत ही कम मात्रा में डाई का उपयोग किया और आईवीयूएस इमेजिंग से पूरी प्रक्रिया की सटीक निगरानी की। इससे न केवल स्टेंट की सही स्थिति सुनिश्चित की गई, बल्कि किडनी की सेहत भी सुरक्षित रही।

उन्होंने बताया कि आईवीयूएस के साथ-साथ ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (ओसीटी) भी एक अत्याधुनिक तकनीक है, जो हृदय की रक्त वाहिकाओं की अत्यंत स्पष्ट और उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवियाँ प्रस्तुत करती है। ये तकनीकें हमें उन जटिल मरीजों का भी प्रभावी इलाज करने की सुविधा देती हैं, जो पहले उच्च जोखिम के कारण असंभव माने जाते थे।

फोर्टिस मोहाली में इन उन्नत तकनीकों का नियमित रूप से उपयोग किया जा रहा है, खासकर उन हृदय रोगियों के लिए जो मधुमेह, सीकेडी, या अन्य गंभीर सह-बीमारियों से ग्रसित होते हैं। इससे अस्पताल इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में अपनी अग्रणी भूमिका बनाए हुए है।

इस सफल उपचार ने यह साबित किया है कि नवाचार और सटीक तकनीक के संयोजन से जटिल मामलों में भी उत्कृष्ट परिणाम संभव हैं। डॉक्टरों ने यह सुनिश्चित किया कि इलाज केवल प्रभावी ही नहीं, बल्कि सुरक्षित और मरीज-केंद्रित भी हो।

फोर्टिस अस्पताल, मोहाली की यह उपलब्धि न केवल तकनीकी प्रगति का उदाहरण है, बल्कि वरिष्ठ नागरिकों और उच्च जोखिम वाले मरीजों के लिए एक आशा की किरण भी है। चिकित्सा क्षेत्र में ऐसे सफल प्रयास भविष्य में भी गंभीर हृदय रोगियों के लिए नई राह खोलते रहेंगे।

इस केस ने यह भी दर्शाया कि समय पर निदान, उन्नत तकनीक और विशेषज्ञ टीम की बदौलत जीवन-रक्षक इलाज संभव है। फोर्टिस मोहाली मरीजों को न केवल जीवन दे रहा है, बल्कि गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित उपचार के माध्यम से उनकी जीवनशैली भी बेहतर बना रहा है।