Innocent's life taken away in the name of treatment!

Innocent's life taken away in the name of treatment!

इलाज के नाम पर छीनी मासूम की साँसें!

इंदरप्रीत, जो कि फतेहगढ़ साहिब जिले के निवासी हैं, ने अपने नवजात बेटे की मौत को लेकर शैली हॉस्पिटल सरहिंद और मैक्स हॉस्पिटल मोहाली पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि दोनों अस्पतालों ने मिलकर उन्हें धोखे में रखकर उनके बच्चे की जान ले ली।

उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी संदीप कौर का इलाज लंबे समय से शैली हॉस्पिटल सरहिंद में चल रहा था और वहीं 21 जून 2025 की रात 9 बजे डिलीवरी के लिए भर्ती करवाया गया था।

22 जून की दोपहर 1:45 पर उनके बेटे का जन्म हुआ। डॉक्टरों की टीम — डॉ. जी.के शैली, डॉ. सीमा शैली और डॉ. जे.डी शैली — ने मां और बच्चे दोनों को पूरी तरह स्वस्थ घोषित किया।

लेकिन महज एक घंटे बाद डॉक्टरों ने अचानक दावा किया कि बच्चे की हालत बिगड़ रही है और उसे मैक्स हॉस्पिटल मोहाली भेजना जरूरी है। परिवार ने जब पी.जी.आई. या सेक्टर 32 चंडीगढ़ भेजने की गुजारिश की तो डॉक्टरों ने मना कर दिया।

डॉक्टरों ने अपनी ही एंबुलेंस के जरिये जबरदस्ती बच्चे को मैक्स हॉस्पिटल मोहाली भिजवा दिया जहां डॉक्टर मनु ने इलाज शुरू किया। इसके बाद परिवार को लगातार गंभीर स्थिति बताकर पैसे मांगे जाते रहे।

1 जुलाई को अस्पताल ने बच्चे को एकदम स्वस्थ बताया। लेकिन अगले ही दिन 2 जुलाई को अचानक उसकी मौत की घोषणा कर दी गई और साथ ही अस्पताल ने पूरी पेमेंट जमा करवाने का दबाव भी बनाया।

जब इंदरप्रीत और उनके परिवार ने डॉ. शैली से पूछा कि जो बच्चा कल तक स्वस्थ था, वह अचानक कैसे मर गया, तो डॉक्टर ने बेहद संवेदनहीन जवाब दिया कि “तो क्या हो गया, मेरा भी जवान बेटा 30 साल की उम्र में मर गया था।”

इस तरह की असंवेदनशीलता से पूरा परिवार सदमे में चला गया। उनका कहना है कि डॉक्टरों ने एक निर्दोष नवजात की जान को पैसों के लिए बलि चढ़ा दिया।

परिवार ने आरोप लगाया कि यह सब एक सुनियोजित धोखाधड़ी है, जिसमें दो अस्पतालों ने मिलकर मानवीय संवेदनाओं की धज्जियां उड़ा दीं और मासूम की जान ले ली।

वे अब शासन-प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इस मामले में सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि आगे किसी और परिवार के साथ ऐसा अन्याय न हो।