मैक्स अस्पताल में आज का दिन बेहद खास रहा जब डॉ. सचिन गुप्ता ने बचों के कैंसर से जुड़ी एक नई उम्मीद को सबके सामने रखा। उन्होंने बताया कि अब अस्पताल में बचों के कैंसर के इलाज के लिए अत्याधुनिक और आधुनिक तकनीक वाला नया उपचार शुरू किया गया है, जिससे हजारों परिवारों को राहत मिलने की संभावना है।
डॉ. सचिन गुप्ता ने कहा कि बचों में कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी चिंता का विषय है, लेकिन आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने अब इस बीमारी के इलाज के नए रास्ते खोल दिए हैं। मैक्स अस्पताल का यह नया कदम न केवल इलाज को और बेहतर बनाएगा बल्कि इससे बचों की रिकवरी रेट भी बढ़ेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि इस नए ट्रीटमेंट में लेटेस्ट तकनीक और दवाओं का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे साइड इफेक्ट्स बहुत कम होंगे और बचों को लंबी हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह इलाज मरीज के शरीर और उम्र के हिसाब से कस्टमाइज किया जाएगा ताकि हर बच्चे को व्यक्तिगत देखभाल मिल सके।
मैक्स अस्पताल की यह पहल खास तौर पर उन परिवारों के लिए बड़ी राहत है जो कैंसर के इलाज में आने वाली कठिनाइयों और खर्चों से जूझते हैं। अब उन्हें देश में ही विश्वस्तरीय उपचार की सुविधा मिलने जा रही है, जो पहले सिर्फ बड़े शहरों या विदेशों में ही उपलब्ध थी।
कार्यक्रम के दौरान कई विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने भी इस कदम की सराहना की और कहा कि यह पहल भारत में बाल चिकित्सा कैंसर के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी। डॉ. गुप्ता ने यह भी बताया कि अस्पताल में इलाज के साथ-साथ काउंसलिंग और मानसिक सहयोग भी दिया जाएगा ताकि बच्चे और उनके परिवार इस कठिन दौर से मजबूती से गुजर सकें।
बचों में कैंसर का इलाज अक्सर भावनात्मक और आर्थिक दोनों स्तरों पर चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे में इस नई तकनीक के आने से न केवल इलाज आसान होगा बल्कि डॉक्टरों के लिए निदान और उपचार की प्रक्रिया भी अधिक सटीक और तेज हो जाएगी।
डॉ. सचिन गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “हर बच्चे को जीवन का हक है और हमारी कोशिश है कि कोई भी बच्चा इस बीमारी से हार न माने।” उन्होंने कहा कि इस ट्रीटमेंट को लॉन्च करना केवल एक मेडिकल पहल नहीं बल्कि मानवीय जिम्मेदारी का हिस्सा है।
अस्पताल प्रशासन ने भी घोषणा की कि आने वाले समय में मैक्स अस्पताल इस तकनीक को अन्य शाखाओं में भी लागू करेगा ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को फायदा मिल सके। इसके साथ ही डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को भी विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे इस आधुनिक उपचार को प्रभावी ढंग से लागू कर सकें।
कई माता-पिता जिन्होंने अपने बच्चों का इलाज मैक्स अस्पताल में कराया है, उन्होंने इस नई पहल को भावनात्मक शब्दों में सराहा। उनका कहना था कि ऐसे कदम उन परिवारों को नई उम्मीद देते हैं जो कैंसर जैसी बीमारी से टूट जाते हैं।
यह घोषणा एक ऐसे समय में आई है जब देश में बाल कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। मैक्स अस्पताल की यह पहल न केवल चिकित्सा जगत में क्रांति लाएगी बल्कि समाज में यह संदेश भी देगी कि कैंसर अब हारने की नहीं, बल्कि जीतने की बीमारी बन चुका है।
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