सरकार ने देश में रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक नई योजना की शुरुआत की है, जो पहली बार नौकरी करने वालों और उन्हें नियुक्त करने वाले नियोक्ताओं—दोनों को सीधा लाभ देगी। यह योजना विशेष रूप से उन युवाओं के लिए तैयार की गई है जो अब तक किसी भी प्रकार के संगठित रोजगार से जुड़े नहीं थे।
इस योजना के तहत पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं को प्रति माह ₹15,000 तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसका उद्देश्य युवाओं को औपचारिक क्षेत्र में जोड़ना और उन्हें आर्थिक रूप से स्थिर बनाना है। साथ ही, इससे देश में रोजगार दर में वृद्धि होने की उम्मीद है।
सिर्फ कर्मचारी ही नहीं, बल्कि नियोक्ता यानी कंपनियों और संस्थानों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। जो भी नियोक्ता पहली बार ऐसे युवाओं को नौकरी पर रखेंगे, उन्हें प्रति कर्मचारी ₹3,000 प्रतिमाह का प्रोत्साहन मिलेगा। यह मदद सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी।
सरकार का मानना है कि इससे छोटे और मझोले उद्योगों को कर्मचारियों की नियुक्ति में मदद मिलेगी और नई भर्तियों के लिए उनका उत्साह बढ़ेगा। साथ ही, इससे निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन को भी गति मिलेगी, जो कोविड-19 के बाद एक बड़ी चुनौती बन चुका था।
इस योजना के क्रियान्वयन के लिए केंद्र सरकार ने डिजिटल पोर्टल लॉन्च किया है, जहां नियोक्ता और कर्मचारी दोनों को पंजीकरण करना होगा। पंजीकरण के बाद संबंधित दस्तावेज़ों की जांच होगी और पात्र होने पर ही लाभ प्रदान किया जाएगा।
योजना का सबसे खास पहलू यह है कि इसमें उन युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी जो पहली बार EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) से जुड़ रहे हैं। यानी, जो पहले कभी किसी संगठित क्षेत्र में नौकरी नहीं कर चुके, उन्हें योजना का प्राथमिक लाभार्थी माना जाएगा।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस योजना का लाभ केवल उन संस्थानों को मिलेगा जो नए कर्मचारियों को कम से कम एक साल की अवधि के लिए नियुक्त करेंगे और उनका PF योगदान नियमित रूप से करेंगे। इससे नौकरी की सुरक्षा और स्थायित्व को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस योजना को रोजगार के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है, क्योंकि यह न सिर्फ युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर देगी, बल्कि उद्योगों को भी लागत में राहत प्रदान करेगी। इससे देश की अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।
सरकार ने इसके लिए एक बजट राशि भी निर्धारित की है, जो अगले तीन वर्षों तक लागू रहेगी। योजना की निगरानी एक विशेष समिति द्वारा की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाभ सही लोगों तक पहुंचे और कोई गड़बड़ी न हो।
यह योजना प्रधानमंत्री के “सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास” के विज़न को साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम के रूप में देखी जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि इससे लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा और देश में आर्थिक आत्मनिर्भरता को नई दिशा मिलेगी।
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