नशामुक्त हिमाचल की ओर पुलिस का एक और मजबूत कदम

नशामुक्त हिमाचल की ओर पुलिस का एक और मजबूत कदम

नशे के खिलाफ पुलिस की जंग, अब हर कदम फिटनेस और जागरूकता के लिए!

शिमला | लाइव खबर ब्यूरो
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आज 12वीं हिमाचल पुलिस हाफ मैराथन का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें हजारों लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस मौके पर क्राइम ब्रांच के डीएसपी रविंद्र नेगी ने “लाइव खबर” से खास बातचीत में बताया कि यह आयोजन सिर्फ दौड़ नहीं, बल्कि नशे के खिलाफ एक जनआंदोलन है।

➡️ 41000 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन, हजारों ने बारिश के बावजूद दौड़ लगाई
डीएसपी नेगी ने बताया कि 21 किलोमीटर, 10 किलोमीटर और 3 किलोमीटर ड्रीम रन में 75 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों से लेकर 10 साल तक के बच्चों ने भी हिस्सा लिया। बारिश के बावजूद करीब 2500-3000 लोगों ने उत्साह से भाग लिया।

➡️ नशे के विरुद्ध युवाओं को जोड़ने का प्रयास
नेगी ने बताया कि सिंथेटिक ड्रग्स के बढ़ते चलन ने युवाओं को दलदल में धकेला है। उन्होंने कहा,
“हम देख रहे हैं कि युवा नशे में फंस रहे हैं, इसलिए पुलिस केवल कानून व्यवस्था ही नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करने का काम भी कर रही है।”

➡️ नशामुक्त हिमाचल के लिए जनभागीदारी जरूरी
उनका कहना था कि नशे के खिलाफ जंग सिर्फ पुलिस की नहीं, हर माता-पिता, शिक्षक और नागरिक की भी जिम्मेदारी है। मैराथन जैसे आयोजनों से समाज में एक सकारात्मक संदेश जाता है।

➡️ “फिटनेस ही असली ताकत” – युवाओं को संदेश
डीएसपी ने कोरोना काल की याद दिलाते हुए कहा,
“जो फिट थे, वो सुरक्षित रहे। आज भी जरूरत है कि युवा अपनी सेहत पर ध्यान दें। फिटनेस न सिर्फ शारीरिक मजबूती देती है बल्कि नशे से भी दूर रखती है।”

➡️ नौजवानों से अपील – खुद जागरूक बनें, दूसरों को भी प्रेरित करें
रविंद्र नेगी ने कहा,
“हमारा देश युवाओं का देश है, अगर यही पीढ़ी नशे में उलझी रही तो भविष्य खतरे में होगा। मैं युवाओं से आग्रह करता हूं कि खुद नशे से दूर रहें और अपने साथियों को भी बचाएं।”

➡️ भविष्य में और भी बड़े आयोजन की योजना
हिमाचल पुलिस भविष्य में और भी बड़े स्तर पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है, जिससे हर वर्ग तक नशा मुक्ति और फिटनेस का संदेश पहुंचे।

DSP
DSP Ravinder Negi

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था “नशामुक्त हिमाचल” का संदेश जन-जन तक पहुंचाना। नशे की लत से न केवल व्यक्ति बल्कि पूरा परिवार और समाज प्रभावित होता है। हिमाचल पुलिस ने इस गहराते संकट को गंभीरता से लिया है और समय-समय पर विभिन्न माध्यमों से जागरूकता फैलाने का कार्य कर रही है। यह हाफ मैराथन उसी कड़ी का एक प्रभावशाली प्रयास था।

आयोजन स्थल पर रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए। लोक संगीत, नृत्य और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कलाकारों ने नशे के दुष्प्रभावों और इसके सामाजिक प्रभाव को दर्शाया। विशेष रूप से युवा वर्ग को ध्यान में रखते हुए ऐसे संदेशात्मक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई जो उन्हें प्रेरित करे और सही राह की ओर ले जाए।

कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्वयं शिरकत कर लोगों को संबोधित किया। उन्होंने हिमाचल पुलिस की इस पहल की सराहना की और कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई केवल पुलिस या सरकार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की है। उन्होंने जन सहयोग को इस मुहिम की सबसे बड़ी ताकत बताया।

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से युवाओं से अपील की कि वे नशे से दूर रहें और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नशे के विरुद्ध सख्त कानून बना रही है और पुनर्वास केंद्रों की संख्या भी बढ़ा रही है, ताकि नशा छोड़ने वाले लोगों को सही मार्गदर्शन और सहायता मिल सके।

पुलिस महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि हिमाचल पुलिस ने बीते वर्षों में कई नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है और लाखों की मात्रा में नशीले पदार्थों को जब्त किया है। इसके साथ ही, जन जागरूकता कार्यक्रमों का भी विस्तार किया गया है ताकि समाज की भागीदारी बढ़ सके।

हाफ मैराथन की विभिन्न श्रेणियों में प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया, लेकिन असली जीत थी उस संदेश की जो पूरे आयोजन के केंद्र में था – “नशा छोड़ो, जीवन अपनाओ”। यह संदेश लोगों के दिलों तक पहुंचा और उनमें सकारात्मक परिवर्तन की उम्मीद जगाई।

इस आयोजन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यदि पुलिस और समाज साथ आएं तो किसी भी सामाजिक बुराई से लड़ा जा सकता है। यह आयोजन न केवल एक दौड़ था, बल्कि एक आंदोलन था – एक स्वस्थ, जागरूक और जिम्मेदार हिमाचल के निर्माण की ओर।

हिमाचल प्रदेश पुलिस का यह रंगारंग और प्रेरणादायक कार्यक्रम नशे के खिलाफ जंग में एक मजबूत कदम है। ऐसी पहलें प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी की जानी चाहिए, ताकि नशे की समस्या को जड़ से मिटाया जा सके। पुलिस, सरकार और जनता के सम्मिलित प्रयास से ही “नशामुक्त हिमाचल” का सपना साकार किया जा सकता है।

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