Punjab musical book

‘पंजाब म्यूजिकल’ सेतिया की सांस्कृतिक पेशकश

‘पंजाब म्यूजिकल’ सेतिया की सांस्कृतिक पेशकश

चंडीगढ़ में युवा लेखक माधव सेतिया की पुस्तक ‘Punjab Musical and Hymns Beyond’ का विमोचन हुआ। यूनिस्टार बुक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक अब प्रमुख बुकस्टोर्स और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध है। मात्र 25 वर्ष की उम्र में माधव सेतिया ने इस पुस्तक के माध्यम से पंजाबी सांस्कृतिक चेतना को एक साहित्यिक रूप में प्रस्तुत किया है।

यह पुस्तक पंजाब की पांच नदियों की भूमि को एक गीतात्मक श्रद्धांजलि है। इसमें कविता और गद्य का अद्भुत मिश्रण है, जिसमें लेखक ने पंजाब की धड़कनों—उसकी ध्वनियों, रंगों, बनावटों और स्मृतियों—को बेहद भावपूर्ण शैली में प्रस्तुत किया है। माधव ने इसे केवल एक कविता संग्रह के रूप में नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक घटना के रूप में परिभाषित किया है।

पुस्तक में माधव ने अपने बचपन की गर्मी और सर्दियों में बिताए पलों को स्मरण करते हुए भावनाओं को कविताओं में पिरोया है। यह पुस्तक अतीत को किसी अवशेष के रूप में नहीं बल्कि एक जीवंत, सांस लेने वाली सिम्फनी के रूप में प्रस्तुत करती है। उनकी लेखनी पंजाब की आत्मा को छूती है और उसे वैश्विक साहित्यिक मंच पर जीवंत बनाती है।

लेखक का मानना है कि यह पुस्तक मातृभूमि, स्मृति और विरासत के प्रति एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि है। यह एक ऐसा लिरिकल ब्रिज है जो परंपरा, संवेदना और कालातीतता के बीच गहरे संबंध स्थापित करता है। माधव के अनुसार, यह पुस्तक उनके व्यक्तिगत अनुभवों और सामूहिक प्रवासी भावनाओं का संगम है।

‘Punjab Musical and Hymns Beyond’ हर उस पाठक से संवाद करती है जिसने कभी मातृभूमि की लालसा की है या अपने वंश के खिंचाव को महसूस किया है। यह पुस्तक स्मृति और संगीत के माध्यम से एक गहरे भावनात्मक संसार का निर्माण करती है, जिसे पढ़कर पाठक अपनी जड़ों से पुनः जुड़ाव महसूस करता है।

माधव ने अपनी रचनात्मकता से पाठकों को पंजाब के सांस्कृतिक परिदृश्य की एक गहन यात्रा पर आमंत्रित किया है। उनकी कविताएं और गद्य उस धरती के रंगों और ध्वनियों को समेटते हैं, जिससे एक ऐसा साहित्यिक अनुभव जन्म लेता है जो गहराई और आत्मीयता से भरा हुआ है।

पुस्तक के हर पृष्ठ पर एक गूंज है—नॉस्टैल्जिया की, पहचान की, और उन भावनाओं की जो विस्थापन और अपनत्व के बीच झूलती हैं। माधव ने इन भावनाओं को बड़ी सूक्ष्मता से शब्दों में पिरोया है, जिससे पाठक को अपनी ही कहानियों की झलक मिलती है।

लेखक की शैली बहुत सहज, संवेदनशील और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है। यह पुस्तक पंजाब को वैश्विक साहित्यिक पटल पर एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में प्रस्तुत करती है, जहाँ लोकधुनें, स्मृतियाँ और पहचान आपस में घुल-मिल जाती हैं।

यह पुस्तक केवल पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि महसूस करने के लिए है। यह पाठकों को उस भूमि से जोड़ती है जिससे वे जुड़े हैं या कभी जुड़े थे। यह पुस्तक एक दर्पण है, जिसमें हर पाठक अपने भीतर के पंजाब को देख सकता है।

संक्षेप में, ‘Punjab Musical and Hymns Beyond’ माधव सेतिया की एक ऐसी कृति है जो साहित्य, संस्कृति, स्मृति और आत्मा का संगम है। यह पुस्तक आने वाले वर्षों में न केवल पंजाबी साहित्य, बल्कि भारतीय साहित्य में भी एक महत्वपूर्ण स्थान बनाएगी।