स्थानीय निवासियों और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों ने सेक्टर नब्बे से चप्पड़चिड़ी जाने वाली सड़क पर बनाए जाने वाले डंपिंग ग्राउंड का कड़ा विरोध शुरू कर दिया है।
क्षेत्र में रहने वाले लोगों का कहना है कि यह डंपिंग ग्राउंड उनके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करेगा और आसपास का वातावरण रहने लायक नहीं रहेगा।
निवासियों का आरोप है कि नगर निगम और प्रशासन ने लोगों की राय लिए बिना ही यह निर्णय लिया है, जिससे उनमें गहरा असंतोष है।
सेक्टर चौहत्तर, नब्बे और इक्यानवे की जॉइंट एक्शन कमेटी ने इस मुद्दे पर आवाज बुलंद करते हुए स्पष्ट कहा है कि वे अब पीछे हटने वाले नहीं हैं।
कमेटी के चेयरमैन बलदेव सिंह ने प्रेस वार्ता में कहा कि डंपिंग ग्राउंड से उत्पन्न होने वाली दुर्गंध से पूरा इलाका प्रभावित होगा और लोग बीमारियों की चपेट में आएंगे।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने इस निर्णय को वापस नहीं लिया, तो लोग सड़कों पर उतरकर जन आंदोलन करेंगे।
स्थानीय लोग इस मुद्दे को केवल पर्यावरण का ही नहीं बल्कि अपने और अपने बच्चों के स्वास्थ्य का प्रश्न मान रहे हैं।
इलाके के बुजुर्ग और महिलाएं भी इस आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं और एकजुट होकर विरोध प्रकट कर रही हैं।
मोहाली के कई अन्य सेक्टरों से भी निवासियों का समर्थन मिल रहा है, जिससे यह आंदोलन व्यापक रूप लेने की ओर अग्रसर है।
लोगों का मानना है कि यदि प्रशासन ने वास्तव में शहर के विकास के बारे में सोचना है, तो उसे डंपिंग ग्राउंड के लिए किसी सुनसान और आबादी से दूर स्थान का चुनाव करना चाहिए।
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