जुलाई की 25 तारीख को मुल्लापुर गरीबदास के सरकारी प्राइमरी स्मार्ट स्कूल कंडोली में एक सराहनीय सेवा का आयोजन किया गया, जिसमें सभी बच्चों को पढ़ाई का जरूरी सामान और रिफ्रेशमेंट बांटे गए। इस आयोजन ने न केवल बच्चों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरी बल्कि शिक्षा के प्रति उनके उत्साह को भी बढ़ाया।
यह सेवा इंग्लैंड में बसे श्री संजीत जलराज द्वारा दी गई, जो मूल रूप से भारत से संबंध रखते हैं और समय-समय पर समाजसेवा के माध्यम से अपने देश से जुड़ाव बनाए रखते हैं। उनकी इस पहल को स्कूल प्रशासन व ग्रामीणों ने खुले दिल से सराहा।
कार्यक्रम के दौरान स्कूल स्टाफ ने श्री संजीत जलराज के प्रति आभार व्यक्त किया और उनके योगदान को बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रेरणास्रोत बताया। बच्चों ने भी उत्साहपूर्वक इस सेवा को स्वीकार किया और उनका धन्यवाद किया।
इस अवसर पर समाजसेवी प्रितपाल, रवि शर्मा, ओपी ग्रुप से विनय कुमार, कौशल एसोसिएट्स के सतपाल सिंह, गांव की सरपंच छोटी पदाचा, एडवोकेट बलविंदर सिंह, दीपक सिंह रावत (डेवलपमेंट ऑफिसर), ठेकेदार बस्तर सिंह, शैली शर्मा और हर्ष जिंदल उपस्थित रहे।
विद्यालय की मुखिया श्रीमती इंद्रजीत कौर ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार की सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के लिए वरदान साबित होती हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ती है और माता-पिता का भी मनोबल बढ़ता है।
श्रीमती अर्चना रानी, सुमन रानी, दविंदर कौर, मनप्रीत कौर और गुरजीत कौर सहित स्कूल की अन्य शिक्षिकाओं ने भी कार्यक्रम में सहयोग दिया और व्यवस्था को संभालते हुए बच्चों को सुविधाएं प्रदान की।
कार्यक्रम का संचालन सुव्यवस्थित ढंग से किया गया, जिसमें बच्चों को कतारबद्ध तरीके से सामग्री वितरित की गई और सभी ने मिलकर अनुशासन बनाए रखा। हर बच्चे को सामान के साथ हल्का नाश्ता भी दिया गया जिससे उन्हें और भी आनंद मिला।
गांव के बुजुर्गों और अभिभावकों ने भी इस आयोजन की प्रशंसा की और कहा कि इस तरह की पहलें यदि निरंतर होती रहें तो गांव के बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहेगा और शिक्षा का स्तर भी बेहतर होगा।
श्री संजीत जलराज की इस सेवा भावना ने यह सिद्ध कर दिया कि देश से दूर रहकर भी कोई अगर चाह ले तो अपनी जड़ों से जुड़कर समाज के लिए बहुत कुछ कर सकता है। उन्होंने उदाहरण पेश किया कि प्रवासी भारतीय भी ग्रामीण विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।
इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि समाज की एकजुटता और सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य किए जा सकते हैं। इससे न केवल बच्चों का मनोबल बढ़ता है, बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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