रक्षाबंधन का पर्व हर साल भावनाओं और प्रेम से भरा होता है, लेकिन जब इसे हमारे देश के रक्षक—CRPF जवानों के साथ मनाया जाए, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। चंडीगढ़ के सेक्टर 43 स्थित 13 बटालियन मुख्यालय में इस वर्ष का रक्षाबंधन कुछ खास रहा।
मुख्यालय में सजावट का माहौल पूरी तरह पारंपरिक भारतीय रंगों से सजा हुआ था। चारों ओर marigold फूलों की सजावट, रंगोली और रक्षाबंधन के गीतों की मधुर धुन वातावरण को और भी भावनात्मक बना रही थी।
CRPF जवानों ने राखी बंधवाकर सिर्फ एक रिवायत पूरी नहीं की, बल्कि उन्होंने उस भावना को अपनाया जो इस त्योहार की आत्मा है—संरक्षण, विश्वास और अपनापन। बहनों ने रक्षासूत्र बांधते समय जवानों के त्याग और समर्पण को धन्यवाद कहा।
इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कमांडेंट श्रीमती कमल सिसोदिया थीं, जिन्होंने जवानों से बातचीत की, उनका उत्साह बढ़ाया और कहा कि रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक भावना है जो हर सैनिक और नागरिक को जोड़ती है।
कार्यक्रम के दौरान छोटे सांस्कृतिक आयोजन भी हुए जिनमें बच्चों और जवानों ने मिलकर देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए। यह पल हर किसी की आंखों में गर्व और भावुकता ले आया।
CRPF द्वारा यह आयोजन सिर्फ एक परंपरा निभाने का तरीका नहीं था, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी था कि सेना और समाज एक-दूसरे के पूरक हैं। हर बहन को यह भरोसा है कि उसका भाई—चाहे वह खून का हो या वर्दी में हो—हमेशा उसकी रक्षा करेगा।
त्योहार की इस घड़ी में जवानों के चेहरे पर जो मुस्कान थी, वह इस बात का प्रमाण थी कि समाज से ऐसा जुड़ाव उनके लिए कितनी गहरी भावना लेकर आता है। एक राखी और मिठाई का डिब्बा, उनके लिए लाखों शब्दों के बराबर था।
जवानों ने भी बहनों को धन्यवाद दिया और कहा कि उनके लिए यह पल कभी नहीं भूलने वाला है। अपने परिवार से दूर रहकर भी उन्हें घर जैसी भावनाएं मिलीं, यही इस आयोजन की सबसे बड़ी सफलता रही।
मीडिया की उपस्थिति ने इस आयोजन को और महत्वपूर्ण बना दिया। तस्वीरें और वीडियो इस संदेश को दूर-दूर तक ले गए कि CRPF न सिर्फ सुरक्षा बल है, बल्कि समाज का अभिन्न हिस्सा भी है।
रक्षाबंधन 2025 ने यह साबित किया कि जब समाज और सुरक्षाबल साथ मिलते हैं, तो त्यौहार केवल परंपरा नहीं, बल्कि प्रेरणा बन जाते हैं—ऐसी प्रेरणा जो आने वाले वर्षों तक याद रखी जाएगी।
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