दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और बीआरएस नेता के कविता को आबकारी नीति से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राउज ऐवन्यू कोर्ट में पेश किया गया। यह मामला काफी समय से चर्चाओं में है और इसने राजनीति के गलियारों में हलचल मचा रखी है। दोनों नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने आबकारी नीति के तहत अवैध रूप से धन अर्जित किया और मनी लांड्रिंग के जरिए उसे सफेद धन में बदलने का प्रयास किया।
कोर्ट में पेशी के दौरान, सरकारी वकील ने जोर देकर कहा कि दोनों आरोपी गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं और उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि मामले की और गहराई से जांच की जा सके। वकील ने दावा किया कि इस मामले में कई महत्वपूर्ण साक्ष्य और दस्तावेज जुटाए जाने बाकी हैं, जो जांच के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बताया कि यह मामला बहुत ही संवेदनशील है और इसमें कई बड़े लोगों के नाम भी शामिल हो सकते हैं।
मनीष सिसोदिया और के कविता के वकील ने कोर्ट में अपनी ओर से दलीलें पेश कीं। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल निर्दोष हैं और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। वकीलों ने न्यायालय से अनुरोध किया कि उनके मुवक्किलों को जमानत दी जाए क्योंकि वे जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं और कहीं भागने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किलों को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, निर्णय लिया कि मनीष सिसोदिया और के कविता की न्यायिक हिरासत 25 जुलाई तक बढ़ाई जाए। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की गहनता और गंभीरता को देखते हुए, जांच एजेंसियों को अधिक समय की आवश्यकता है। इसके साथ ही, कोर्ट ने जांच एजेंसियों को साक्ष्य और दस्तावेजों को जुटाने के लिए निर्देश दिए।
इस निर्णय के बाद, मनीष सिसोदिया और के कविता को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले ने दिल्ली और तेलंगाना की राजनीति में हलचल मचा दी है और दोनों राज्यों के राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। यह देखना बाकी है कि आगे की जांच में और क्या खुलासे होते हैं और यह मामला कैसे आगे बढ़ता है।

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